'30 दिनों में यमन छोड़ दें अमिरेका और ब्रिटेन के नागरिक', हूती विद्रोहियों ने जारी की चेतावनी
Airstrikes in Yemen: यमन के हूती (Houthi) विद्रोहियों ने अमेरिका और ब्रिटेन के नागिरकों को बुधवार (24 जनवरी) को चेतावनी दी. हूती ग्रुप ने कहा कि यूएस (US) और ब्रिटेन के लोग 30 दिन में देश छोड़ दें. हिंदुस्तान टाइम्स ने हूती के हवाले से बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतर्राष्ठ्रीय संस्थाओं में काम कर रहे अमेरिका और ब्रिटेन को नागरिकों को 30 दिनों में देश छोड़ने को कहा गया है. दरअसल, अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने हाल ही में यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया था. ये चेतावनी लाल सागर में तैनात अमेरिकी, ब्रिटिश सेनाओं और हूतियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है. अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने किया हमला न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने सोमवार (22 जनवरी) की रात को यमन में हूती विद्रोहियों के इस्तेमाल किए जा रहे कई ठिकानों पर बमबारी की. अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने यमन की राजधानी और अन्य प्रांतों में हूती शिविरों पर हमला किया था. हमलों में पूर्वी सना में अल-हफ़ा शिविर और उत्तर में अल-दयालामी हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया. लगातार हवाई हमले जारीलाल सागर में अमेरिका-ब्रिटेन समुद्री गठबंधन ने यमन के विभिन्न उत्तरी प्रांतों में हूती शिविरों पर कई हवाई हमले किए हैं. इसमें कहा गया है कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य लाल सागर शिपिंग लेन में वाणिज्यिक जहाजों पर हूती हमलों को रोकना है. हूती समूह ने लाल सागर में इज़रायल से जुड़े जहाजों को तब तक निशाना बनाना जारी रखने की कसम खाई जब तक कि इज़रायल गाजा पट्टी पर अपने हमले और नाकाबंदी बंद नहीं कर देता. वहीं अमेरिका ने पिछले सप्ताह हूती समूह को आतंकवादी संगठन के रूप में पुनः नामित किया और कहा कि इस कदम से उत्तरी यमन में भोजन और दवा की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी. इनपुट भाषा और आईएएनएस से भी. ये भी पढ़ें- US Houthi War: हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता ने यमन पर हो रहे अमेरिकी हमलों का उड़ाया मजाक, कहा- इसका कोई प्रभाव नहीं
Airstrikes in Yemen: यमन के हूती (Houthi) विद्रोहियों ने अमेरिका और ब्रिटेन के नागिरकों को बुधवार (24 जनवरी) को चेतावनी दी. हूती ग्रुप ने कहा कि यूएस (US) और ब्रिटेन के लोग 30 दिन में देश छोड़ दें.
हिंदुस्तान टाइम्स ने हूती के हवाले से बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतर्राष्ठ्रीय संस्थाओं में काम कर रहे अमेरिका और ब्रिटेन को नागरिकों को 30 दिनों में देश छोड़ने को कहा गया है. दरअसल, अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने हाल ही में यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला किया था.
ये चेतावनी लाल सागर में तैनात अमेरिकी, ब्रिटिश सेनाओं और हूतियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है.
अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने किया हमला
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने सोमवार (22 जनवरी) की रात को यमन में हूती विद्रोहियों के इस्तेमाल किए जा रहे कई ठिकानों पर बमबारी की.
अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने यमन की राजधानी और अन्य प्रांतों में हूती शिविरों पर हमला किया था. हमलों में पूर्वी सना में अल-हफ़ा शिविर और उत्तर में अल-दयालामी हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया.
लगातार हवाई हमले जारी
लाल सागर में अमेरिका-ब्रिटेन समुद्री गठबंधन ने यमन के विभिन्न उत्तरी प्रांतों में हूती शिविरों पर कई हवाई हमले किए हैं. इसमें कहा गया है कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य लाल सागर शिपिंग लेन में वाणिज्यिक जहाजों पर हूती हमलों को रोकना है.
हूती समूह ने लाल सागर में इज़रायल से जुड़े जहाजों को तब तक निशाना बनाना जारी रखने की कसम खाई जब तक कि इज़रायल गाजा पट्टी पर अपने हमले और नाकाबंदी बंद नहीं कर देता. वहीं अमेरिका ने पिछले सप्ताह हूती समूह को आतंकवादी संगठन के रूप में पुनः नामित किया और कहा कि इस कदम से उत्तरी यमन में भोजन और दवा की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी.
इनपुट भाषा और आईएएनएस से भी.
ये भी पढ़ें- US Houthi War: हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता ने यमन पर हो रहे अमेरिकी हमलों का उड़ाया मजाक, कहा- इसका कोई प्रभाव नहीं
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