चौतरफा मंदी के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था है मजबूती की राह पर, 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

दुनिया में चौतरफा मंदी फैली हुई है. रूस-यूक्रेन का युद्ध पिछले लगभग दो साल से चल रहा है और तीन महीेने से अधिक हो गया है इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी आ सकती है. हालांकि, इस बीच भारत के लिए कुछ अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक क गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार यानी 17 जनवरी को भारत की जीडीपी के बारे में बात करते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2024-2025 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि मंहगाई की मार में नरमी भी हो सकती है. आरबीआई के गर्वनर ने कहा की पिछले कई सालों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से  आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. यह निश्चित तौर पर भारतीय उद्योग जगत और भारत के नागरिकों के लिए बेहद अच्छी खबर है.  सात फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात फीसदी से भी अधिक की दर से बढ सकती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की ओर ने ये आंकड़े जारी किए हैं. इनके मुताबिक 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि क्टूबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में विकास दर साढ़े सात फीसदी से ऊपर रही थी. यह भी ध्यान देने की बात है कि एनएसओ की ओर से जारी आर्थिक विकास का पहला अनुमान तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हाल ही में जारी किए गए संशोधित अनुमान से अधिक है. आरबीआई ने पिछले महीने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के विकास का अनुमान साढ़े छह फीसदी से बढ़ा कर सात फीसदी कर दिया था. इन आंकड़ों के इस्तेमाल से ही केंद्र सरकार अपने बजट को तैयार करने में मदद लेती है. भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023-24 में साढ़े छह फीसदी से ऊपर की विकास दर आराम से हासिल करने की उम्मीद है.  आ सकती है मंहगाई में गिरावट भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है. भारत ने 2047 तक अपने आप को विकासशील देश से विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में भारत 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भरता' के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है. दावोस में विश्व इकोनॉमिक फोरम के दौरान सीआईआई के द्वारा आयोजित सत्र ‘हाई ग्रोथ, लो रिस्क: द इंडिया स्टोरी’ विषय पर हो रही सभा को संबोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘सारे देश से महंगाई कम होने के संकेत मिल रहे हैं लकिन आर्थिक वृद्धि के तेजी से कम होने के आसार है’. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि, हमें विश्वास है कि भारत 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी. सरकार ने यह सुनिश्चित करने का जिम्मा भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत की मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे.  भारत में गाड़ियों की बिक्री बेशुमार  अर्थव्यवस्था की सेहत की एक खबर उस देश में बिकने वाली गाड़ियों से भी मिल सकती है. FADA के रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में अलग-अलग कैटेगरी से 2.28 करोड़ गाड़ियों की बिक्री हुई है. जो कि 2022 के मुकाबले 11.04 फीसदी अधिक है. यह रिकॉर्ड है और अगर इनको एक के बाद एक लगा दिया जाए, तो दिल्ली से न्यूयॉर्क तक ये पहुंच जाएंगे.  2022 में भारत में करीब 2.15 करोड़ गाड़ियां बिकी हुई थी. 2023 में 1 करोड़ 70 लाख 60 हजार 1 सौ 12 टू व्हीलर वाहन की बिक्री हुई है. वहीं 2022 में 1 करोड़ 55 लाख 88 हजार 3 सौ 52 टू व्हीलर वाहनों की बिक्री हुई थी. इसी तरह सरकार ने दिसंबर 2023 में वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी से करीब 1.65 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं. यह भी एक तरह का रिकॉर्ड ही है. लगातार 10वीं बार ऐसा हुआ है कि जीएसटी राजस्व का संग्रह डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है. एक साल पहले यानी दिसंबर 2022 के मुकाबले यह 10 फीसदी ज्यादा है. अब तक सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह अप्रैल 2023 में हुआ था, तब यह आंकड़ा 1.87 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया था. लगातार 21 महीने से देश का जीएसटी कलेक्‍शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है.  महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है और खुदरा महंगाई बढ़कर 5.5 से ऊपर पहुंची है, तो थोक महंगाई भी पांच महीने बाद शून्य से ऊपर पहुंची है. कहा जा सकता है कि कुछ मानकों पर भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी बदहाली में दिख रही है, लेकिन विनिर्माण हो या आधारभूत संरचना का निर्माण, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डों तक, निर्यात में बढ़ोतरी से आयात में कमी तक, भारत सभी मानकों पर बेहतर कर रहा है और 2024 भी अच्छा जाने वाला है, ऐसा अगर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. 

Jan 18, 2024 - 10:32
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चौतरफा मंदी के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था है मजबूती की राह पर, 7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

दुनिया में चौतरफा मंदी फैली हुई है. रूस-यूक्रेन का युद्ध पिछले लगभग दो साल से चल रहा है और तीन महीेने से अधिक हो गया है इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी आ सकती है. हालांकि, इस बीच भारत के लिए कुछ अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक क गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार यानी 17 जनवरी को भारत की जीडीपी के बारे में बात करते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2024-2025 में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि मंहगाई की मार में नरमी भी हो सकती है. आरबीआई के गर्वनर ने कहा की पिछले कई सालों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से  आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. यह निश्चित तौर पर भारतीय उद्योग जगत और भारत के नागरिकों के लिए बेहद अच्छी खबर है. 

सात फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी

चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात फीसदी से भी अधिक की दर से बढ सकती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की ओर ने ये आंकड़े जारी किए हैं. इनके मुताबिक 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि क्टूबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में विकास दर साढ़े सात फीसदी से ऊपर रही थी. यह भी ध्यान देने की बात है कि एनएसओ की ओर से जारी आर्थिक विकास का पहला अनुमान तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हाल ही में जारी किए गए संशोधित अनुमान से अधिक है. आरबीआई ने पिछले महीने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के विकास का अनुमान साढ़े छह फीसदी से बढ़ा कर सात फीसदी कर दिया था. इन आंकड़ों के इस्तेमाल से ही केंद्र सरकार अपने बजट को तैयार करने में मदद लेती है. भारतीय अर्थव्यवस्था को 2023-24 में साढ़े छह फीसदी से ऊपर की विकास दर आराम से हासिल करने की उम्मीद है. 

आ सकती है मंहगाई में गिरावट

भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है. भारत ने 2047 तक अपने आप को विकासशील देश से विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में भारत 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भरता' के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है. दावोस में विश्व इकोनॉमिक फोरम के दौरान सीआईआई के द्वारा आयोजित सत्र ‘हाई ग्रोथ, लो रिस्क: द इंडिया स्टोरी’ विषय पर हो रही सभा को संबोधित करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘सारे देश से महंगाई कम होने के संकेत मिल रहे हैं लकिन आर्थिक वृद्धि के तेजी से कम होने के आसार है’. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि, हमें विश्वास है कि भारत 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी. सरकार ने यह सुनिश्चित करने का जिम्मा भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत की मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे. 

भारत में गाड़ियों की बिक्री बेशुमार 

अर्थव्यवस्था की सेहत की एक खबर उस देश में बिकने वाली गाड़ियों से भी मिल सकती है. FADA के रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में अलग-अलग कैटेगरी से 2.28 करोड़ गाड़ियों की बिक्री हुई है. जो कि 2022 के मुकाबले 11.04 फीसदी अधिक है. यह रिकॉर्ड है और अगर इनको एक के बाद एक लगा दिया जाए, तो दिल्ली से न्यूयॉर्क तक ये पहुंच जाएंगे.  2022 में भारत में करीब 2.15 करोड़ गाड़ियां बिकी हुई थी. 2023 में 1 करोड़ 70 लाख 60 हजार 1 सौ 12 टू व्हीलर वाहन की बिक्री हुई है. वहीं 2022 में 1 करोड़ 55 लाख 88 हजार 3 सौ 52 टू व्हीलर वाहनों की बिक्री हुई थी. इसी तरह सरकार ने दिसंबर 2023 में वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी से करीब 1.65 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं. यह भी एक तरह का रिकॉर्ड ही है. लगातार 10वीं बार ऐसा हुआ है कि जीएसटी राजस्व का संग्रह डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है. एक साल पहले यानी दिसंबर 2022 के मुकाबले यह 10 फीसदी ज्यादा है. अब तक सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह अप्रैल 2023 में हुआ था, तब यह आंकड़ा 1.87 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया था. लगातार 21 महीने से देश का जीएसटी कलेक्‍शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है. 

महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है और खुदरा महंगाई बढ़कर 5.5 से ऊपर पहुंची है, तो थोक महंगाई भी पांच महीने बाद शून्य से ऊपर पहुंची है. कहा जा सकता है कि कुछ मानकों पर भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी बदहाली में दिख रही है, लेकिन विनिर्माण हो या आधारभूत संरचना का निर्माण, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डों तक, निर्यात में बढ़ोतरी से आयात में कमी तक, भारत सभी मानकों पर बेहतर कर रहा है और 2024 भी अच्छा जाने वाला है, ऐसा अगर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. 

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